हरिद्वार। महाशिवरात्रि पर्व पर पूरे दिन शिवालयों में जलाभिषेक का मुहूर्त है। पंडित प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि मंगलवार को महाशिवरात्रि के पर्व पर पूरे दिन जलाभिषेक किया जा सकता है। उन्होंने चार प्रहर की पूजन के चारों समय के विषय में भी बताया।
भारतीय प्राच विद्या सभा सोसायटी के अध्यक्ष पंडित प्रतीक मित्रपुरी ने बताया कि धर्म शास्त्रों में तीन रात्रि बहुत महत्वपूर्ण हैं। शिवरात्रि, कालरात्रि, महारात्रि। महारात्रि दीपावली की रात्रि लक्ष्मी प्राप्ति के लिए पूजा अर्चना की जाती है। कालरात्रि नवरात्र में अष्टमी के दिन शक्ति प्राप्ति के लिए। शिव रात्रि हर मनोकामना की पूर्ति के लिए की जाती है। मिश्रपुरी ने बताया कि आज दिनभर जलाभिषेक होगा। चार प्रहर की पूजा का विशेष महत्व है। चार प्रहर की पूजा शिव योगी रात्रि काल में करते हैं। उन्होंने बताया कि प्रथम प्रहर की पूजा प्रदोष काल में शाम छह से रात आठ बजे तक, दूसरे प्रहर की रात आठ से रात 12 बजे तक, तीसरे प्रहर की देर रात 12 से दो बजे तक और चौथे प्रहर की पूजा रात दो बजे से सुबह चार बजे तक करने का समय है। उन्होंने बताया कि प्रथम पूजा धर्म, दूसरी अर्थ, तीसरी और चौथी काम मोक्ष के लिए की जाती है। 108 बिल्वपत्र, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर से अभिषेक करने से धन, वैभव प्राप्त होता है।