मथुराः लक्ष्मी (Laxmi) भारत की सबसे पतली हथिनी, गंभीर रूप से कुपोषित और दिव्यांग है. वह लंगड़ापन, गठिया रोग और कई अन्य कई बीमारियों से ग्रसित है. अदालत के आदेश के बाद उसे मथुरा (Mathura) स्थित वाइल्डलाइफ एसओएस (wildlife sos) के हाथी अस्पताल और हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र (elephant conservation and care center) में इलाज के लिए लाया गया है. यह नया साल (New Year) लक्ष्मी के लिए जीवन में दूसरा मौका पाने की नई उम्मीद लेकर आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लगभग 25 से 30 साल की दिव्यांग लक्ष्मी हथिनी (laxmi elephant) का सड़क पर भीख मांगने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. जिसके बाद स्थानीय पशु प्रेमी (Animal Lover) श्रीएस जैन की शिकायत पर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) वन विभाग (Forest Department) ने कार्रवाई करते हुए हथिनी को जब्त कर लिया.
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लक्ष्मी को कहा जाता है भारत की सबसे पतली हथिनी
लक्ष्मी को भारत की सबसे पतली हथिनी इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि वह शरीर से दुर्बल होने के साथ ही कई बीमारियों से पीड़ित है. लंबे समय से कुपोषित, मुड़े हुए घुटनों के साथ हथिनी से लगातार काम करवाया गया. एमपी वन विभाग ने लक्ष्मी की बिगड़ती सेहत को देखते हुए उसके मालिकों से उसे जब्त कर लिया. जानकारी के मुताबिक अब वन विभाग मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की प्रक्रिया में है.
मथुरा एलीफेंट केयर सेंटर में होगा लक्ष्मी का इलाज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अदालत के आदेश के बाद मथुरा में वाइल्डलाइफ एसओएस हाथी अस्पताल और संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में लक्ष्मी को रहने की अनुमति दी. पशु चिकित्सकों की टीम के साथ एक हाथी एम्बुलेंस, वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी देखभाल कर्मचारियों उसका चिकित्सा उपचार शुरू करने के लिए छतरपुर पहुंचें. दिव्यांग हथिनी लक्ष्मी को अब मथुरा एलीफेंट केयर सेंटर में उपचार के लिए भेजा गया है.
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SOS के सीईओ ने कहा काफी चिंताजनक है लक्ष्मी की हालत
जानकारी के मुताबिक वाइल्डलाइफ एसओएस के सीईओ और सह-संस्थापक, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि लक्ष्मी जैसे गंभीर रूप से दुर्बल और दिव्यांग हथिनी को देखकर हम हैरान थे. उसकी हालत निश्चित रूप से काफी चिंताजनक है. हम लक्ष्मी की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति के प्रति सहानुभूति रखने के लिए न्यायालय के आभारी हैं. उसे आवश्यक चिकित्सा देखभाल के लिए हाथी अस्पताल में लाने की अनुमति जारी करने के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन को धन्यवाद देते हैं.
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मथुरा में है हाथियों का एकमात्र हॉस्पिटल
इंडिया का एकमात्र हाथियों का हॉस्पिटल एलीफेंट केयर सेंटर मथुरा जिले के चूरमुरा गांव में है. वाइल्डलाइफ एसओएस के अधिकारियों द्वारा इसकी देखरेख की जाती है. यहां डॉक्टर्स की बेहतर टीम बीमार हाथियों का इलाज करती है. हाथियों का इलाज लेजर थेरेपी, डिजिटल वायरलेस, रेडियोलॉजी और थर्मल इमेजिंग जैसी आधुनिक तकनीक के जरिए किया जाता है.
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