इसरो के चंद्रयान-3 मिशन की सफल लॉन्चिंग

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नई दिल्ली। भारत के लिए 14 जुलाई का दिन ऐतिहासिक रहा, क्योंकि आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग हुई। इसरो ने एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए अपने तीसरे चंद्र मिशन का सफल प्रक्षेपण किया। इसी के साथ ही सभी की सांसें एक बार फिर से थम गई हैं, क्योंकि चंद्रयान-3 की 23 अगस्त को चंद्रमा के सतह पर लैंडिंग होगी। ऐसे में हम आपको चंद्रयान-3 की सिलसिलेवार घटनाक्रम से रूबरू कराते हैं।
चंद्रयान-3 का शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक लांच हुआ। इस यान की कामयाबी के पीछे झारखंड की भी तीन कंपनियां का योगदान है। इसमें रांची के मेकॉन और हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचईसी) सहित सरायकेला खरसावां स्थित टिस्को या टाटा ग्रोथ शाप (टीजीएस) का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।
Chandrayaan 3 Mission चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के साथ ही सतीश धवन स्पेस सेंटर में मौजूद वैज्ञानिकों ने एक दूसरे को गले लगाकर बधाई दी। वहीं, सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो के अध्यक्ष एस.सोमनाथ के साथ चंद्रयान 3 मिशन के डायरेक्टर मोहन कुमार का चेहरा इस सफल लॉन्चिंग की खुशी बयां कर रही थे। हालांकि इस शुभ अवसर पर मोहन कुमार काफी भावुक नजर आए। इसरो (ISRO) के चंद्रयान-3 मिशन के लॉन्च से देश का गौरव बढ़ गया है। देश के वैज्ञानिकों की इस मेहनत पर अब पूरे विश्व की निगाहें हैं और अब हर कोई 23 अगस्त का इंतजार कर रहा है जब चंद्रयान लैंड होगा। इस मौके पर दिल्ली के सीएम और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने भी इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। चंद्रयान-3 कोई अलग मिशन नहीं बल्कि साल 2019 में लॉन्च हुए चंद्रयान 2 का ही अगला चरण है क्योंकि चार साल पहले भारत को सफलता नहीं मिली थी और उन्हीं तमाम घटनाक्रमों के सीख लेते हुए इसरो ने एलवीएम-3 लॉन्चर की मदद से चंद्रयान-3 को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया। बता दें कि चंद्रयान-3 में महज लैंडर और रोवर ही हैं। चंद्रयान-3 कोई अलग मिशन नहीं बल्कि साल 2019 में लॉन्च हुए चंद्रयान 2 का ही अगला चरण है क्योंकि चार साल पहले भारत को पूरी सफलता नहीं मिली थी। इसके चलते तमाम घटनाक्रमों के सीख लेते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एलवीएम-3 लॉन्चर की मदद से चंद्रयान-3 को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया। बता दें कि इसमे बेहतर विंक्रम लैंडर को अपग्रेड किया गया है।
‘चंद्रयान-3’ के सफल लॉन्‍च के बाद मिशन डायरेक्टर ऋतु करिधाल के घर पर खुशी का माहौल द‍िखा। सभी सदस्यों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। ऋतु करिधाल लखनऊ के राजाजीपुरम की रहने वाली हैं। उन्होंने वर्ष 1991 में लखनऊ व‍िश्‍वव‍िद्यालय में बीएससी भौतिक विज्ञान में प्रवेश लिया था। ISRO Chandrayaan Mission 3 Launch इसरो के पूर्व अध्यक्ष के शिवन आज चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के दौरान अपने अधूरे काम को पूरा होते हुए देख रहे थे। सिवन ने चंद्रयान-2 में अहम योगदान दिया था। उन्होंने ही के राधाकृष्णन के साथ मून मिशन की तैयारी की थी। सिवन की अध्यक्षता में ही चंद्रयान-2 लॉन्च किया गया था। हालांकि तकनीकि खामियों के चलते वह सफल नहीं हो सका था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताते हुए इसे स्पेस जगत का एक नया अध्याय बताया। पीएम मोदी ने कहा, “चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा। यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भर रहा है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूं!” अंतरिक्ष की दुनिया में भारत ने इतिहास रच दिया है। इससे पहले भी ISRO चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 को लॉन्च कर चुका है। इस खबर में हम आपको ISRO के तीनों मिशन के बारे में विस्तार से बताएंगे। चंद्रमा पर पानी की खोज चंद्रयान-1 मिशन का एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक लक्ष्य था।

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